Thursday, October 22, 2015

23 अक्टूबर से हिमाचल के बीड़ बिलिंग में शुरू होने वाले पैराग्लाइडिंग वल्र्ड कप को लेकर सबके अंदर उत्साह होगा। वल्र्ड कप में 40 देशों के पायलट हिस्सा लेंगे।  वल्र्ड कप में बॉलीवुड के सितारें भी शिरकत करेंगे। प्रीति जिंटा भी इस अवसर पर ग्लैमर का तड़का लगाएंगी।



Wednesday, October 14, 2015

शिमला: हिमाचल प्रदेश अधीनस्थ सेवाएं चयन बोर्ड हमीरपुर विभिन्न विभागों में जूनियर ऑफिस असिस्टेंट के 946 पदों को भरेगा। 12वीं पास युवा इन पदों के लिए 31 अक्तूबर 2015 तक आवेदन कर सकते हैं। बोर्ड ने 13 फरवरी को 6 पदों को भरने के लिए जारी की थी अधिसूचना। बाद में इसमें 199 और पदों को जोड़ा गया जिसके बाद पदों की कुल संख्या 202 हो गई। इस बार बोर्ड ने 13 अक्तूबर को इसमें 741 और पदों को जाड़ा है। अब कुल पदों की संख्या 946 हो गई है।

योग्यता
आवेदक 12वीं पास होना चाहिए और किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से कंप्यूटर में डिप्लोमा होना चाहिए। कंप्यूटर में अंग्रेजी में 30 वर्ड प्रति मिनट और हिंदी में 25 वर्ड प्रति मिनट की टाइपिंग स्पीड होनी चाहिए।

आवेदन पत्र का शुल्क
आवेदक डाकघर से 360 रूपए में आवेदन पत्र प्राप्त कर सकता है। आरक्षित वर्ग के आवेदक 120 रूपए का शुल्क देकर आवेदन पत्र प्राप्त कर सकते हैं।

आवेदन की अंतिम तिथि
जूनियर ऑफिस असिस्टेंट के पदों के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 31 अक्तूबर 2015 निर्धारित की गई है। जनजातीय क्षेत्र के युवा 5 नवंबर तक आवेदन कर सकते हैं।

आवश्यक सूचना
जिन अभ्यर्थियों ने  इन पदों के लिए पहले ही आवेदन कर दिया है, उन्हें फिर से आवेदन करने की जरूरत नहीं है।

Tuesday, October 13, 2015

हिमाचल के रहने वाले दिलीप राणा उर्फ 'द ग्रेट खली' का सीमेंट कंपनी के लिए किया गया यह विज्ञापन वायरल हो गया है। महाबली 'द ग्रेट खली' ने इस विज्ञापन के जरिए अपना दर्द बयां किया है।

"घर एक स्वर्ग होता है, जैसे चाहो रहो, जिओ, लेकिन मेरे साथ ऐसा नहीं था"- खली



किसी समय खली की ताकत ही उसकी परेशानी बन गई थी। कभी खली भी अपने आप को हेल्पलेस महसूस करते थे। खली जब दीवारों से टकराते तो दीवार टूट जाती, कुर्सी पर बैठते तो कुर्सी टूट जाती और न जाने क्या-क्या हुआ करता था खली के साथ।

इस विज्ञापन में देखें महाबली 'द ग्रेट खली' के जीवन की कहानी


Monday, October 12, 2015

New Delhi: On behalf of UGC, Central Board of Secondary Education announces holding of the National Eligibility Test (NET) on 27th December, 2015 (SUNDAY) for determining the eligibility of Indian nationals for the Eligibility for Assistant Professor only or junior Research Fellowship & Eligibility for Assistant Professor Both in Indian universities and colleges.



CBSE will conduct NET in 83 subjects at 88 selected Cities of Examination spread across the country. Candidate appearing in NET should clearly specify in the prescribed Application Form whether they are applying for both JRF& Eligibility for Assistant Professor both OR only for eligibility for Assistant Professor.

The result of the UGC NET will be made available on the websites: www.cbsenet.nic.in as and when it is declared. The candidate will not be individually intimated about their result.


NET 2015  
Eligibility Criteria

Candidates who have secured at least 55% marks in Master’s Degree OR equivalent examination from universities/institutions recognised by UGC in Humanities (including languages) and Social Science, Computer Science & Applications, Electronic Science etc. are eligible for this Test. The Other Backward Classes(OBC) belonging to non-creamy layer/Scheduled Caste(SC)/Scheduled Tribe(ST)/ persons with disability(PWD) category candidates who have secured at least 50% marks in Master’s degree or equivalent examination are eligible for this Test.


NET 2015 Schedule

Candidates who have appeared OR will be appearing at the qualifying Master’s degree (final year) examination and whose result is still awaited or candidates whose qualifying examinations have been delayed may also apply for this test. However, such candidates will be admitted provisionally and shall be considered eligible for award of Junior Research Fellowship/eligibility for Assistant professor only after they have passed their Master’s Degree examination OR equivalent with at least 55% marks(50% marks in case of OBC(Non- creamy layer)/SC/ST/PWD(persons with disability) category candidates. Such candidates must complete their P.G degree examination within two years from the date of NET result with required percentage of marks, failing which they shall be treated as disqualified.

AGE LIMIT & RELAXATION

Junior Research Fellowship: Not more than 28 years as on 01.12.2015. A relaxation up to 5 years is provided to the candidates belonging to OBC (Non- creamy layer, as per the Central list of OBC available on website: www.ncbc.nic.in ) SC/ST/PWD categories and to women applicants. Relaxation will also be provided to the candidates having research experience, limited to the period spent on research in the relevant/related subject of post-graduation degree, subject to a maximum of 5 years, on production of a certificate from appropriate authority. Three years relaxation in age will be permissible to the candidates possessing L.L.M. Degree. Total age relaxation on the above ground(s) shall not exceed five years under any circumstances.

Assistant Professor: There is no upper age limit for applying for eligibility for Assistant Professor.


NET 2015 Fee

The candidates may pay the examination fee either by credit/ debit card or through e- challan generated during the online filling of the application form. In case of e-challan the payment should be made in the Syndicate/Canara/ICICI/HDFC Bank. In case the examination fee is paid through credit/debit card the additional processing charges will also be debited from the credit/debit card of the candidate.

The candidates are required to check the status of fee payment at CBSE website (www.cbsenet.nic.in) and if the status is ‘OK’ the candidate will be able to take the printout of Confirmation Page.

PROCEDURE & CRITERIA FOR DECLARATION OF RESULT

NET 2015 Result

A merit list will be prepare subject-wise and category-wise using the aggregate marks of all the three papers secured by such candidates. Top 15% candidates (for each subject and category), will be declared NET qualified for eligibility for Assistant Professor only. A separate merit list for the award of JRF will be prepared from amongst the NET qualified candidates.

HOW TO APPLY

STEPS FOR SUBMISSION OF ONLINE APPLICATION FORM

Before applying Online, the candidates must possess the scanned images as: Passport size photograph in JPG format of minimum 4kb to 40 kb. The dimension of the photograph should be 3.5 cm (width) x 4.5 cm (height).

Signature in JPG format of minimum 4kb to 30 kb. The dimension of the signature should be 3.5 cm (width) x 1.5 cm (height).

The candidates are required to bring a photo identity card along with their printout of online admission card on the day of examination.

In other to avoid last minute rush, candidates are advised to apply early enough on the CBSE website: www.cbsenet.nic.in

Read more at http://www.thenewsnow.in/national-eligibility-test-2015-submit-online-application-form/#i8HBLVgUhCVs5ub6.99

Thursday, October 1, 2015

युवा देश का भविष्य है, युवा चाहे तो क्या नहीं कर सकता, लेकिन आज का युवा रोजगार की चाह में भटक गया है। व्हाइट कॉलर जॉब की चाह में वह कुछ भी करने को तैयार है, बस नौकरी चाहिए तो सरकारी, बाकी कुछ नहीं। ऐसा इसलिए कि सरकार में ज्यादा काम करने को तो होता नहीं और कुर्सी पर बैठकर टाइम निकालना है। यही कारण है कि आज बीए, एमए और पीएचडी पास युवा चपड़ासी लगने को तैयार हैं। स्थिति यह है कि आज हर कोई आराम से ही सब पाना चाहता है और देखादेखी युवाओं की अंधी दौड़ बस लगी है सरकारी नौकरी पाने के लिए।

नौकरी के पीछे न भागें खुद के बोस बने


सब जानते हैं कि सरकार में नौकरी के अवसर अब सीमित ही नहीं, बल्कि न के बराबर हो गए हैं। सरकारों ने भी कारपोरेट सेक्टर की तरह अब ठेकेदारी प्रथा को अपना लिया है। जब जरूरत नहीं तो निकाल दिया और जब जरूरत है बुला लिया। ऐसे में युवाओं को सरकारी नौकरी की तरफ नहीं झांकना चाहिए, क्योंकि आज सरकार में जो नौकरी दी जा रही है उनमें अधिकतर ऑउटसोर्सिंग पर ही हो रही है। यानी सरकारी कार्यालय में निजी कंपनी के कर्मचारी के रूप में आप काम करेंगे। ऐसे में आप सरकारी कर्मचारी नहीं होंगे। हर व्यक्ति को सरकारी या कारपोरेट सेक्टर में नौकरी मिले यह संभव नहीं है। लेकिन हर व्यक्ति को रोजगार मिले, यह संभव है।

Image Source: excelsiorpaygroup.com
इसलिए आज युवा अगर अपनी पढ़ाई का सही इस्तेमाल करे तो वह खुद नौकरी की लाइन में लगने के बजाय अन्य युवाओं को रोजगार देने की स्थिति में हो सकता है। बस जरूरत है युवाओं को अपने जोश को सही रास्ते पर लगाने की। यानी जो पढ़ा है उसका सही रूप में इस्तेमाल किया जाए। पढ़ाई केवल मात्र सरकारी नौकरी लेने के लिए नहीं की जाती। पढ़ाई से युवाओं का बौद्धिक विकास होता है और इसका इस्तेमाल देश के निर्माण में होना चाहिए। आप यदि कृषि में ही मेहनत करें तो और कई लोगों को रोजगार दे सकते हैं। अपने कृषि उत्पादों की मार्केटिंग ही करेंगे तो सरकारी कर्मचारी से कई गुणा कमा सकते हैं, लेकिन जिम्मेदारी से बचने की जो सोच लेकर युवा सरकारी नौकर बनने को आतुर है वह सोच बदलनी होगी।

इंटरप्रेनयरशिप एक विकल्प

आज के समय में युवाओं के पास वैसे तो कई विकल्प हैं लेकिन उनमे इंटरप्रेनयरशिप एक विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है। तकनीक में हुए विकास के चलते आज के समय में कोई भी काम करना मुश्किल नहीं रहा।  बस जरूरत स्पष्ट व सही सोच और जोश की है। युवाओं को नौकरी का विचार दिलो-दिमाग से निकालना होगा।
Image Source: bdquestions.blogspot.com
आज बैंकिंग सेक्टर भी काफी लिबरल हो गया है और पीएम नरेंद्र मोदी की नई योजना में तो ऋण लेना आसान है। यदि बैंक आज भी आनाकानी करता है तो आप सीधे पीएम मोदी को इसके बारे में लिख सकते हैं और वहां से बाकी काम हो जाएगा। इसलिए अपनी सोच बदलो और फिर देखो, आप खुद को कहां खड़ा पाओगे।

स्टार्ट अप्स की कामयाबी

बीते कुछ सालों से स्टार्ट अप्स की कामयाबी ने यह साबित कर दिया है कि युवा इंटरप्रेनियर बन अपने आइडिया को इनिशियेट कर अपना कारोबार शुरू कर सकते हैं। इसके लिए न तो अधिक पैसे की जरूरत होती है और नहीं ही अधिक पढ़े लिखे होने की। बस आपके अंदर दूसरों से हटकर सोचना की कला होनी चाहिए। आज की इस डिजिटल दुनिया में सब संभव हो गया है कोई भी जानकारी जानने के इच्छुक हैं तो आप इंटरनेट पर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
Image Source: http://www.venturesden.com
दुनिया भर में स्टार्टअप रैंकिंग में भारत पांचवे स्थान पर है और इकोनॉमिक ग्रोथ के चलते यहां हर साल 800 स्टार्टअप्स जन्म ले रहे हैं। ऐसे में फंडिंग माध्यमों तक आसान होती पहुंच ने युवाओं को स्टार्ट अप्स की ओर आकर्षित किया है। आईआईटी और आईआईएम के ग्रेजुएट्स लाखों का पैकेज छोड़ स्टार्ट अप्स से जुड़ रहे हैं। क्यों? आखिर उन्हें इसमें कुछ अच्छा लग रहा होगा ना। वरना लाखों का पैकेज छोड़कर क्यों इस दिशा में कदम बढ़ाएगा। किसी मजबूत स्टार्ट अप आइडिया को अब कामयाब बिजनेस में बदलना मुश्किल नहीं रह गया है। इसलिए आप को भी ऐसा ही कुछ करना होगा और फिर कामयाबी आपके कदमों में होगी, यह हमारा दृढ़ विश्वास है।

अब फ्लिपकार्ट का ही उदाहरण ले लीजिए, इसे जिस सचिन बंसल और बिन्नी बंसल ने 2007 में लॉंच किया था, वही कंपनी आज अपनी ऊंचाइयों को छू रही है। इस कंपनी को शुरू करने के लिए दोनों ने दस हजार रुपए की राशि लगाई थी। आज इस कंपनी का मार्केट में बोल-बाला है। हालही में फोर्ब्स की जारी लिस्ट में भी पहली बार इस ई-कॉमर्स कंपनी ने जगह पाई है।

पिछले कुछ वर्षों में स्टार्ट अप्स की कामयाबी से भी यह देखा जा सकता है कि यदि कोई व्यक्ति कड़ी मेहनत से जो भी काम करता है उसे सफल होने से कोई नहीं रोक सकता। लेकिन इसके लिए युवाओं को कड़ी मेहनत के साथ-साथ उस क्षेत्र की गहन जानकारी होना जरूरी है। स्कूली जीवन से ही अपने रूचिपूर्ण विषय की अतिरिक्त जानकारी जुटानी चाहिए, ताकि, आने वाले समय में वह आपके काम आ सके।

नौकरी की चाह?

उत्तर प्रदेश का ही हाल देखो, वहां चपरासी के 368 पदों के लिए 23.25 लाख बेरोजगारों ने आवेदन किया। इस बात से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि बेरोजगारी की क्या स्थिति है। यही हाल अन्य राज्यों का भी है। आज स्थिति इतनी विकट हो गया है कि पीएचडी पास चपड़ासी बनने को लाचार है। यह लाचारी ही कही जाएगी, क्योंकि इतना पढ़ने के बाद हाथ में नौकरी नहीं है। हैरानी इस बात है कि यदि चपड़ासी ही लगना है तो इतनी पढ़ाई क्यों की। क्या पढ़ाई सिर्फ सरकारी नौकरी पाने के लिए की गई है।
   
Image Source: www.findillinoisjobs.com
यदि पीएचडी धारक अपने लिए कोई रास्ता नहीं निकाल सकता है वह समाज को क्या दिशा देगा, यह सोचने का विषय है। कुछ पीएचडी धारकों से बात भी कई तो, उनकी मनोदशा ऐसी होती है कि वह शहर आकर घर नहीं लौट सकते। शहर में रहना है और इसके लिए चपड़ासी पद से भी समझौता करने से गुरेज नहीं करते। क्योंकि गांव वापस जाने में बहुत संकोच होता है। गांव जाएंगे तो लोग क्या कहेंगे वगैरा-वगैरा।

यहां सवाल पैदा होता है कि आखिर पढ़ाई होती क्यों है। क्या केवल मात्र सरकारी नौकरी पाने के लिए पढ़ा जाता है। जो लोग सरासर यह सोच रखते हैं, उनकी पढ़ाई में कहीं न कहीं कोई चूक हुई है। चाहे यह चूक व्यवस्था की हो या फिर सामाजिक ताने-बाने की। क्योंकि पीएचडी तक कर चुके लोग यदि खुद अपनी राह नहीं बना पाएंगे तो दूसरों को क्या राह दिखाएंगे। लेकिन ऐसे लोगों को निराश होने की जरूरत नहीं है। जरूरत है बस उस जज्बे की जो अनजान मार्ग पर चलकर लोगों को साथ चलाए। इसके लिए कुछ करने का जज्बा होना लाजिमी है।

यहां बात फेसबुक के संस्थापक मार्क जकरबर्ग की हो तो उचित रहेगा। जकरबर्ग उन लोगों के लिए प्रेरणास्रोत हैं जो कुछ करने की तमन्ना रखते हैं। फ्लिपकार्ट का उदाहरण भी आपके सामने है। इसे खड़ा करने वाले सचिन बंसल और बिन्नी बंसल की कहानी भी युवाओ के लिए प्रेरणादायक है।

व्यवहारिक शिक्षा का अभाव

देश में खड़ी हो रही बेरोजगारों की फौज के लिए आज की शिक्षा व्यवस्था भी काफी हदतक जिम्मेदार है। शिक्षा का तानाबाना अब ऐसा होना चाहिए जो युवाओं को आत्मनिर्भर बनने को प्रेरित करे। आज पढ़ाई का मतलब सरकारी नौकरी है और इस सोच को बदलना होगा। सरकारी नौकरी यानी क्लर्क लगना और एक टेबल-कुर्सी हासिल करना। इससे आगे की सोच आज के अधिकतर युवाओं की है ही नहीं। लेकिन अब इस सोच से आगे निकलना होगा। यानी खुद कुछ करने की क्षमता को टटोलना होगा।

Image Source: www.charterforcompassion.org
देश के ग्रामीण इलाकों में शिक्षा के स्तर को बढ़ाना होगा और ग्राम स्तर पर ही इसे विस्तार देना होगा। तकनीकी शिक्षा जितनी जल्दी हो सके, उसे शुरू किया जाना चाहिए। देश की सरकार को इस दिशा के प्रति गंभीरता से सोचना होगा। क्योंकि बेरोजगारी आंकड़ा और न बढ़े, इसके लिए जल्द ठोस कदम उठाने की जरूरत है। इसके लिए जो भी आवश्यक कदम उठाने चाहिए, उन्हें उठाने में देर नहीं करनी चाहिए।

डिग्री लेने के बाद युवाओं को 2-4 साल तो नौकरी के लिए ही भटकना पड़ता है। ऊपर से जब कोई पूछता है कि क्या कर रहे हो तो शर्म से सिर झुक जाता है। आखिर जवाब दें भी तो कैसे पढ़ाई और ट्रेनिंग पर लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी अच्छी नौकरी नहीं।

दरअसल दोष युवाओं का नहीं बल्कि हमारी शिक्षा व्यवस्था का है जिसके कारण बेरोजगारों की फौज खड़ी हो रही है। हमारे देश में अधिकतर शिक्षण संस्थानों में रोजगारपरक शिक्षा का अभाव होना इसका मुख्य कारण है। ऐसे में आज जरूरत तकनीकी शिक्षा की है ताकि युवा क्लर्की वाली शिक्षा की बजाय रोजगारपरक शिक्षा हासिल कर सके। इसके लिए देश के नीति-निर्धारकों को गंभीरता से विचार करना होगा और तय अवधि के भीतर ऐसी शिक्षा को लागू करना होगा, जिसमें हर युवक को रोजगार के साथ-साथ स्वरोजगार मिल सके। एक बार देश में निचली कक्षाओं में तकनीकी शिक्षा शुरू हो जाए, फिर देखिए, इस युवा देश का कमाल, क्योंकि फिर ग्रामीण स्तर पर भी रोजगार के मौके होंगे और वहां से युवाओं को शहरों की ओर पलायन नहीं होगा और यदि एक बार ऐसा हो गया तो भारत देश तरक्की की नई बुलंदियों पर होगा।

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